ग्वार फली से अधिकतम उपज प्राप्त करने की विधि
जलवायु और भूमि (Climate)
ग्वार फली गर्म जलवायु की सब्जी है जिसके लिए सूखा और गर्म मौसम बेहतर होता है. जबकि ज्यादा वर्षा तथा ठण्ड वाले क्षेत्र इसके लिए नुकसानदायक होते हैं. इसकी खेती के लिए 300-350 मिलीमीटर औसत वर्षा उपयुक्त होती है. बीजों के जल्दी अंकुरण तथा पौधों में जड़ों का उचित विकास हेतु मिट्टी का ताप 25-30 डिग्री सेंटीग्रेट होना आवश्यक है.
ग्वार लगभग सभी प्रकार की मृदाओं में इसकी खेती की जा सकती है. परन्तु बुलई दोमट मिट्टी और उचित जल निकास तथा कार्बनिक पदार्थ से भरपूर मृदाओं में इसकी खेती के लिए बहुत अच्छी मानी जाती है. हल्की क्षारीय व लवणीय भूमि में जिसका ph मान 7.5-8 तक हो वहाँ भी ग्वार फली की खेती की जा सकती है.
उन्नत किस्में (Advanced varieties)
पूसा मौसमी, पूसा सदाबहार, पूसा नवबहार, दुर्गा बहार, शरद बहार, एम-83, ए.एच.जी, गोमा मंजरी आदि सब्जी ग्वार फली की प्रमुख उन्नत किस्में हैं.