जायद में बाजरा की खेती

खरीफ के अलावा जायद में भी बाजरा की खेती सफलतापूर्व की जाने लगी है, क्योंकि जायद में बाजरा के लिए अनुकूल वातावरण जहॉ इसके दाने के रूप में उगाने के लिए प्रोत्साहित करता है वहीं चारे के लिए भी इसकी खेती की जा रही है।

सिंचाई की जल की समुचित व्यवस्था होने पर आलू, सरसों, चना, मटर के बाद बाजरा की खेती से अधिक उपज प्राप्त की जा सकती है।

1. भूमि की चुनाव

बलुई दोमट या दोमट भूमि बाजरा के लिए अच्छी रहती है। भली भॉति समतल व जीवांश वाली भूमि में बाजरा की खेती करने से अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।

2. भूमि की तैयारी

पलेवा करने के बाद मिट्टी पलटने वाले हल से 10–12 सेमी. गहरी एक जुताई तथा उसके बाद कल्टीवेटर या देशी हल से दो–तीन जुताइयॉ करके पाटा लगाकर खेत की तैयारी कर लेनी चाहिए।