जमीन और हमारी सेहत के लिए प्राकृतिक कृषि अपनाना जरूरी – कृषि मंत्री श्री पटेल

रासायनिक खाद एवं कीटनाशकों का उपयोग लगातार बढ़ता जा रहा है, यह चिन्ताजनक है।

किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश की खेती की उर्वरता को बचाने और किसानों की आय दोगुनी करने का संकल्प लिया है तथा उसे पूरा करने के लिए निरंतर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्री मोदी ने प्राकृतिक खेती के इस सेमीनार के माध्यम से देश के किसानों को जागरूक करने का काम किया है। मंत्री श्री पटेल ने कृषि उपज मंडी सीहोर में यह बात कही। वे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के गुरुवार को प्राकृतिक खेती पर राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किसानों को संबोधन वाले कार्यक्रम में शामिल हुए। उनके साथ सीहोर विधायक श्री सुदेश राय, वरिष्ठ जन-प्रतिनिधि श्री दर्शन सिंह चौधरी सहित अनेक जन-प्रतिनिधि एवं किसान उपस्थित थे।

कृषि मंत्री श्री पटेल ने कहा कि अधिक उत्पादन के लिए रासायनिक खाद एवं कीटनाशकों का उपयोग लगातार बढ़ता जा रहा है, यह चिन्ताजनक है। रासायानिक खादों के उपयोग से एक और जहाँ भूमि की उर्वरता नष्ट हो रही है, वहीं इसके उपयोग से आने वाली फसल भी मानव स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है। उन्होंने कहा कि खेती की लागत कम करने, भूमि की उर्वरता बनाए रखने और मानव स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए अब किसानों को प्राकृतिक खेती को अपनाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि देश के अनेक किसानों ने प्राकृतिक कृषि पद्धति अपनाकर रासायनिक खाद और कीटनाशकों के मुकाबले कहीं ज्यादा मुनाफा कमाया है।

श्री पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में खेती को लाभ का धंधा बनाकर किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए अनेक योजनाओं के माध्यम से किसानों को सब्सिडी दी जा रही है तथा कृषि नीतियों में संशोधन कर किसानों को लाभ पहुँचाया जा रहा है। श्री पटेल ने कहा कि मध्यप्रदेश दुनिया में एक मात्र ऐसा राज्य है, जहाँ किसानों को जीरो प्रतिशत ब्याज पर कर्ज दिया जाता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने किसान सम्मान निधि और मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत किसानों को दस हजार रूपए दिए जा रहे हैं। यह राशि छोटे किसानों के लिए बड़ी मददगार साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि चने की खरीदी गेहूँ से पहले की, इसका लाभ किसानों को मिला और चना मूंग खरीदी की सीमा समाप्त की, जिससे किसान का जितना पंजीयन है उतनी फसल एक बार में ही ली जा सके।

श्री पटेल ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि प्रारंभ में उनके पास जितनी खेती है, उसके एक चौथाई या उनकी सुविधानुसार जमीन पर प्राकृतिक खेती के द्वारा फसल ले सकते हैं। उन्होंने उपस्थित सभी किसानों को जैविक पद्धति से खेती करने का संकल्प भी दिलाया। श्री पटेल ने जैविक पद्धति से खेती करने वाले कोलासकलां के किसान श्री गजराज सिंह वर्मा को सम्मानित करते हुए उनके द्वारा तैयार किए गए उत्पादों को देखा।