जिरेनियम ,एक दिवसीय सेमिनार में समझी खेती की बारीकियां
बैतूल
परंपरागत कृषि के अलावा किसानों को सुगंधित तेल वाली फसल के बारे में जानकारी देने के लिए 20 अक्टूबर को चिचोली ब्लॉक के आलमपुर गांव में एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में स्थानीय किसानों के अलावा देश के अन्य हिस्सों से भी किसान सम्मिलित हुए। ग्राम आलमपुर में जिरेनियम की खेती कर रही महिला कृषक हेमलता सिंह से प्रेरित होकर अन्य किसान भी इस ओर अग्रसर हो रहे हैं। किसानों की जिज्ञासा का समाधान करने हेतु सीमैप लखनऊ से कृषि वैज्ञानिक और उनकी टीम यहां पहुंची थी।
एरोमा मिशन फेज-2 के अन्तर्गत मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के ग्राम आलमपुर मे केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान लखनऊ, (सीएसआईआर, सीमैप) द्वारा किसानों को विस्तृत जानकारी दी गई। इस अवसर पर सीमैप के डॉ राजेश कुमार वर्मा ( प्रधान वैज्ञानिक) डॉ एन पी यादव (प्रधान वैज्ञानिक) और संस्थान के शोध छात्र श्री विष्णु कान्त पटेरिया और शैलेंद्र डांगी उपस्थित रहे।
सेमिनार में डॉ राजेश कुमार वर्मा द्वारा आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण सगंध फसलों की कृषि प्रौद्योगिकी के सन्दर्भ में विस्तार से जानकारी दी। जिरेनियम, मेंथोल मिंट, नींबूघास, खस और जवाघास कि कृषि प्रौद्योगिकी के बारे में बताते हुए श्री वर्मा ने कहा कि किसान इन फसलों की खेती कर के अतिरिक्त लाभ ले सकते है। डॉ एन पी यादव द्वारा सगंध फसलों के आसवन से प्राप्त तेल से सीमैप द्वारा जो प्रोडक्ट बनाया गया है उसके के बारे में किसानों को बताया और सीएसआईआर-सीमैप के शोध छात्र द्वारा किसानों का पंजीकरण किया। इसके पश्चात डॉ राजेश कुमार वर्मा द्वारा आसवन ईकाई के संदर्भ में प्रत्यक्ष प्रदर्शन के मधायम से किसानों को अवगत कराया। प्रोजेक्टर प्रेजेंटेशन में श्री वर्मा द्वारा किसानों को सुगंधित फसलों से संबंधित बारीकियों से अवगत कराया।
सतपुड़ा किसान सेवा समिति (समस) द्वारा आयोजित सेमिनार में तेलंगाना, झारखंड,महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ एवं मध्य प्रदेश के किसानों ने भी भागीदारी की। सेमिनार में उपस्थित बैतूल जिले के किसानों ने इसमें विशेष रूचि ली जिसे देखते हुए भविष्य मे बैतूल जिले मे लगभग 200 एकड़ में जिरेनियम की खेती होने की सम्भावना है। सतपुड़ा किसान सेवा समिति (समस) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में श्रीमति हेमलता सिंह, आदित्य कुशवाहा, महावीर गोठी, विनोद परिहार, राकेश मौर्य, उद्यान विभाग से नगेन्द्र सरनकर, हितेष पवांर, शिवम् चंदेलकर प्रमुख रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत मे किसानों द्वारा निदेशक सीमैप और उनकी टीम का आभार व्यक्त किया गया।